


यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के हाथों जेलेंस्की सेना के पिटने से अमेरिका समेत नाटो देशों की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब इसकी खीज रूस के दोस्त देशों भारत और चीन से निकालना चाहते हैं। अमेरिका में एक विधेयक पेश हुआ है जिसमें रूस से तेल खरीदने पर 500 प्रतिशत का भारी भरकम टैरिफ लगाने का प्रावधान है। वहीं अब नाटो के महासचिव जनरल मार्क रुट्टे ने भारत और चीन को बुधवार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि रूस अगर 50 दिनों में शांति के लिए तैयार नहीं होता है तो उससे तेल लेने पर 100 फीसदी सेकेंडरी टैरिफ लगाया जाएगा। नाटो के महासचिव की इस धमकी पर भारत ने भी करारा जवाब दिया है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही पश्चिमी देश भारत को रूस से रिश्ता रखने पर धमकाने में जुटे हुए हैं।
इससे पहले एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भी पश्चिमी देश गीदड़भभकी दे चुके हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूसी एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम ने भारत को पाकिस्तानी मिसाइलों से बचाया था। अमेरिका ने कुछ साल पहले भारत को धमकी दी थी कि अगर वह रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदता है तो उसके खिलाफ CAATSA प्रतिबंध लगाया जाएगा। अमेरिका यह CAATSA प्रतिबंध उन देशों के खिलाफ लगाता है जो रूस, उत्तर कोरिया या ईरान से बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त करते हैं।
S-400 पर भारत अमेरिका के आगे नहीं झुका
अमेरिका की इस धमकी के बाद भारत झुका नहीं और उसने साफ कर दिया कि वह रूसी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील को लेकर आगे बढ़ेगा। भारत का यह फैसला सही साबित हुआ और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह रूसी सिस्टम हमारे लिए कवच साबित हुआ। भारत के अड़ जाने के बाद अमेरिका को एस-400 डील को लेकर छूट देनी पड़ी थी। रूस से रिश्ते को लेकर अब इसी तरह की धमकी नाटो के चीफ दे रहे हैं। यूक्रेन में नाटो देशों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, हथियार और मिसाइलें दीं लेकिन वे रूस को झुकाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।